जन्म-मरण के चक्र से छुड़ाता है ज्ञानमार्ग – पूज्य शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज

2 अगस्त 2023

शङ्कराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती जी महाराज

ज्ञान भक्ति और कर्म तीन मार्ग हमारे यहाॅ बताए गये हैं। कर्म मार्ग में जब व्यक्ति प्रवृत्त होता है तो किए गये कर्म का फल भोगने के लिए जन्म और फिर नये कर्म; इस प्रकार से यह श्रृंखला चलती रहती है। भक्ति मार्ग में व्यक्ति को अपने इष्ट के लोक में जाकर पुनः वहाॅ से पुण्य क्षीण होने पर लौटना पडता है। केवल ज्ञान मार्ग ही एक ऐसा मार्ग है जहाॅ कैवल्य मुक्ति हो जाती है और इस मार्ग को अपनाने से मनुष्य जन्म-मरण के चक्र से छूट जाता है।

उक्त उद्गार परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ‘1008’ ने चातुर्मास्य प्रवचन के अवसर पर कही।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जब आपका पैसा खत्म हो जाता है तो होटल से आपको बाहर कर दिया जाता है वैसे ही स्वर्ग और दूसरे लोक में भी आपके जब पुण्य क्षीण होते हैं तो उसे नीचे मृत्युलोक में आना पडता है।

पूज्यपाद शङ्कराचार्य जी महाराज के प्रवचन के पूर्व ब्रह्मलीन जगतगुरु शंकराचार्य, स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महराज के तेल चित्र का पूजन अर्चन, ज्योतिष पीठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने किया उसके पश्चात, आज श्री मद भागवत कथा पुरंजन कथा के यजमान चुन्नी लाल जी मुखरैया,श्री मति संपत बाई,रुद्रप्रताप श्री मति रूपा बाई पटैल, रामकुमार पटैल श्री मति रामा पटैल रहे जिन्होंने पादुका पूजन भी किया और पूज्य महाराजा श्री का आशीर्वाद लिया।

मंच पर भजनों की प्रस्तुति
नीलेश दुबेदी एंड पार्टी मुहास गोटेगांव के दुआरा की गई वही गुरुकुल के छात्र सुजल पांडे,श्रेयांस शर्मा,मयंक शुक्ला ,ने भी भजनों की प्रस्तुति दी
मंच पर प्रमुख रूप से, शंकराचार्य महाराज की निजी सचिव चातुर्मास्य समारोह समिति के अध्यक्ष ब्रह्मचारी सुबुद्धानन्द जी, स्वामी अंबरीसानंद सरस्वती, ज्योतिष्पीठ पण्डित आचार्य रविशंकर द्विवेदी शास्त्री जी, गुरुकुल संस्कृत विद्यालय के उप प्राचार्य पं राजेन्द्र शास्त्री जी, ब्रह्मचारी निर्विकल्पस्वरूप जी आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। मंच का संयोजन श्री अरविन्द मिश्र एवं संचालन ब्रह्मचारी ब्रह्मविद्यानन्द जी ने किया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से ब्रम्हचारी राघवानंद एवं ब्रम्हचारी विमलानंद  सहित श्री मद भागवत पुराण का रस पान करने बड़ी संख्या में गुरु भक्तों की उपस्थिति रही। सभी ने कथा का रसपान कर अपने मानव जीवन को धन्य बनाया भागवत भगवान की कथा आरती के उपरांत महाभोग प्रसाद का वितरण किया गया।

चातुर्मास्य के अवसर पर पूज्य शङ्कराचार्य जी महाराज का गीता प्रबोध पर प्रवचन प्रातः 7.30 से 8.30 बजे तक भगवती राजराजेश्वरी मन्दिर में होता होता है जिसका प्रसारण 1008.Guru इस यू ट्यूब चैनल पर प्रतिदिन होता है।

श्रीगुरुचरणानुरागी सजंय पाण्डेय, मीडिया प्रभारी ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज।।

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