शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज ने भक्तों संग खेली फूलों की होली

वाराणसी,12 मार्च,केदारघाट स्थित श्रीविद्यामठ में पूज्यपाद अनंतश्रीविभूषित ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने खेली सन्तों व भक्तों संग फूलों की होली।भक्तों ने किया पुज्य शंकराचार्य जी महाराज पर घनघोर पुष्प वर्षा।

उक्त जानकारी देते हुए पूज्य शंकराचार्य जी महाराज के प्रेस प्रभारी सजंय पाण्डेय ने बताया की शंकराचार्य बनने के बाद होली के अवसर पर प्रथम बार काशी आगमन से भक्तों व काशीवासियों का उत्साह दुगना हो गया है।

होली मिलन समारोह का प्रारम्भ श्रीप्रकाश पाण्डेय जी ने पूज्य महाराजश्री का एक रचना के माध्यम से वर्णन किया।जिसके अनन्तर राष्ट्रीय कवि सांड बनारसी ने अपनी रचना से उपस्थित भक्तों को गुदगुदाया।

तदुपरांत कृष्ण कुमार तिवारी जी और गीतांजलि मौर्या ने होली व भक्ति गीत प्रस्तुत किया।

भक्तों को आशीर्वचन प्रदान करते हुए पूज्य शंकराचार्य जी महाराज ने कहा कि काशी ज्ञान ध्यान विद्या बुद्धि व अपने अल्हड़पन हेतु जानी जाती है।लेकिन अब काशी पर भी आधुनिकता सवार हो रही है।यह चिंताजनक है काशी वासियों को इस पर विचार करना चाहिए।और फूलों के होली के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए पूज्यश्री ने कहा कि रंगों से होली खेलने के बाद उसे छुड़ाना पड़ता है और रंगों में आजकल केमिकल मिला दिया जा रहा है जिससे त्वचा को भी क्षति पहुचती है।वहीं फूलों से होली खेलने से ऐसी कोई दिक्कत नही होती बल्कि फूलों से होली खेलने से उसकी खुशबू वातावरण में व्याप्त हो जाती है और मन प्रसन्न हो जाता है।

होली मिलन समारोह में प्रमुख रूप से सर्वश्री-साध्वी पूर्णम्बा दीदी जी,साध्वी शरदम्बा दीदी जी,ब्रम्हचारी लीला विनोदानंद,ब्रम्हचारी वृत्तानंद,रवि त्रिवेदी,जंतलेश्वर यादव,हजारी कीर्ति नारायण शुक्ला,रामसागर दुबे,आत्मा राम दुबे,शैलेन्द्र योगी,डॉ गिरीश तिवारी,सदानंद तिवारी,डॉ अभय शंकर तिवारी,सुनील शुक्ला,सुनील उपाध्याय,रमेश उपाध्याय,सतीश अग्रहरी,किशन जायसवाल,रामचन्द्र सिंह,रविन्द्र मिश्रा,अजय प्रताप सिंह,पीयूष तिवारी,सावित्री पाण्डेय,लता पाण्डेय,विजया तिवारी,नीलम दुबे आदि लोग सम्मलित थे।

प्रेषक
प्रेस प्रभारी-सजंय पाण्डेय

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